मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 1 Vishnu Dabhi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • आई कैन सी यू - 39

    अब तक हम ने पढ़ा की सुहागरात को कमेला तो नही आई थी लेकिन जब...

  • आखेट महल - 4

    चारगौरांबर को आज तीसरा दिन था इसी तरह से भटकते हुए। वह रात क...

  • जंगल - भाग 8

                      अंजली कभी माधुरी, लिखने मे गलती माफ़ होंगी,...

  • My Devil Hubby Rebirth Love - 51

    अब आगे मैं यहां पर किसी का वेट कर रहा हूं तुम्हें पता है ना...

  • तेरे इश्क मे..

    एक शादीशुदा लड़की नमिता के जीवन में उसने कभी सोचा भी नहीं था...

श्रेणी
शेयर करे

मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 1

आज का दिन जस्न का दिन था | क्योंकी सुल्ताना —ए—सूर्यगढ़ मित्रा ने एक सुंदर और आकर्षक पुत्र को जन्म दिया था| सुल्ताना मित्रा के पति धर्मदेव जी थे…
जैसा उनका नाम था वैसे ही उनके तेवर थे| पूरे सूर्यगढ़ में जस्न हुआ। सुल्तान धर्मदेवजी एक भले इंसान थे , और उनकी पत्नी मित्रा वो एक जादूगरनी थी। पर वो भी नेक इंसान थी। उनकी छ बेटियां भी। प्यारा,सुंदरी, नमिना, देवदी,भाविका और मुसरी
उन में नमीना क्रूर थी । और बाकी की अच्छे स्वभाव की थी।
पांचों बहेनो ने नमीना को सुधारने की बहुत कोशिश की पर सब ना कामियाब रहे
पर उनका छोटे भाई का नाम देने के लिए सब झगड़ते थे ।वह अचानक से उनकी मां मित्रा प्रगट हुई।क्यों की वो मायावी थी|
और उन्होंने कहा की कोई भी बात पर आप सभी नही झगड़ेगी । और ये कह कर उसने छोटे बच्चे के सिर पर हाथ रखा और मन में कुछ कहा।बाद में उन्होंने तुरंत एक दरबार बुलाया|
और सभी दरबारियों से अपने बेटे के नाम के बारेमे बात की . कही लोगों अलग अलग नाम दिया। पर उसमे से एक भी नाम पसंद नहीं आया। वहा पर सुल्ताना के भाई प्रगट हुए। और कहा कि मेरे भांजेका नाम होगा सम्राट सूर्यसिंग
इतना कहते ही आसमान में तरींदे उड़ने लगे ,आसमान गरजने लगा ,जोर जोर से हवा चलने लगी ,जानो वहा पर कोई तूफान आया हो।
सुल्तान धर्मदेवजी ने कहा कि कुदरत को भी ये नाम अच्छा लगा है। इसी लिए बेटे का सम्राट सूर्यसिंग है।
वहा पर सुल्तान के दोस्त भी मौजूद थे। सुल्तान धर्मदेव जी ने उनसे कहा कि आप हमारे राजकुमार की जन्म कुंडली से पता करिए कि आगे चलकर हमारे कुमार केसे होगे।
राजसिंह खड़े हुए और राजकुमार की जन्म कुंडली लेकर पढ़ने लगे। और खुस हो कर बोले कि महाराज आपका वारिस आपसे भी जादा शक्तिसाली होंगे। और एक बात वो ऐसे इंसान बनेंगे की उन्हें खुदा भी नही हरा सकेंगे।
ऐसा क्या होगा इससे कुमार इतने शक्तिशाली हो जाएंगे ::— सुल्तान धर्मदेव जी ने कहा
राजसिंह बोले की पता नहीं पर सहेजादे को ऐसा कुछ मिलने वाले हैं उससे वो बहुत ही शक्तिशाली हो जाएंगे।

कुछ बख्त बीत जाता है और कुमार छे साल के होते हैं और कुमारी नमीना ने कपट से अपनी मां की शक्तियां लेली। और बाद में उस शक्ति का गलत इस्तमाल कर के अपनी बहनों को मार देती है।
इस सदमे से सुल्तान धर्मदेव जी का देहांत हुआ।और सुल्ताना मित्रा ने अपने पति के साथ चिता पर बैठकर अपना अंत किया ।
लेकिन वो नमीना ना एक भूल कर भी की अपने भाई को थोड़ी शक्तियां देदी। और वहा से भाग गई । पर सम्राट सूर्यसिंग को एक इंसान उठा कर ले गया और अपने घर में उनका पालन पोषण करना सरू किया । वो जानता था कि वो सुल्तान धर्मदेव जी के वारिस है ।
सम्राट थोड़ा बड़ा हुआ और वो दस साल का हो गया। सम्राट को सभी लोग सूर्या कहकर बुलाते हैं।
सूर्या अब सब के साथ खेलने के लिए बाहर जाने लगे ।
और वो धीरे धीरे बड़े होने लगे ।
सब समझने लगे। पर उनको रात में अजीब अजीब सपने आने लगे । अपने पिताजी और अपने बहनों की हत्या के सपने आने लगे|
सूर्या अपने पालन पोषण करनार को ही अपना अब्बू मानते थे । सूर्या ने अपने अब्बू को पूछा कि ये मेरे साथ क्या हो रहा है। मेरे अब्बू तो आप ही है तो मुझे सपने किसके आते है|
सूर्या के अब्बू का नाम था । हसरत अली खान
उन्हों ने कहा कि अभी तुम छोटे हो बड़े हो जाओगे तब सब समझ जाओगे।